Thursday 7 March 2019

Happy woman's day






अगर कोई कहे तो में कहूँगी की आज महिला दिवस नहीं!विश्व सर्जन दिवस भी आज ही होना चाहिए!समग्र विश्व के सर्जन और संकल्न्मे महिला का विशेष योगदान हैं!
प्रसिद्द नाट्यकर्मी स्व. शफदर हाजमी का एक नुक्कड़ नाटक हैं!उस नाटक का नाम हैं औरत!इस नाटक में पैदा होने से मर ने तक की महिलाओ की कई समस्योकी और ध्यान केन्द्रित किया हैं! आज भी यह नाटक तना ही प्रस्तुत हैं!
क्या आज कोई ऐसा संकल्प ले सकते हैं की जो इस सर्जन केंद्र के दिन विशेष पे आप बता सके की में आज से यही करूँगा या करुँगी!

विश्वमे कोई ऐसा देश नहीं हैं जहा आज के दिन इस दिन के लिए अच्छी बाते न की गई हो!मगर ऐ बात सही हैं की एस गाव भी विश्व में ऐसा नहीं की जहा महिलाओ के साथ कुछ बुरा न हुआ होगा! कुछ बुरा न हुआ होगा! बरबाद न हुआ होगा! क्या  होगा जहा महिलाओ का सन्मान थी न हो!में महिलाओ को सन्मान की बात करते हुए ऐ भी कहूँगी की उन्हें सन्मान मिले!भीख नहीं!एक विधवा ओरत अपने पति के देहांत के बाद अपना परिवार पालती हैं!मगर एक पुरुष आज भी दूसरी शादी करता हैं! में महिला या पुरुष की दूसरी सदी के लिए विरोध नहीं करती!



मेरा काम हैं सिर्फ सवाल खड़ा करना!

में श्री गणपत पटेल 'सौम्य' की एक पंक्ति के साथ आज की परिस्थिति को समजा ने का प्रयास करती हु!

एक किनारे पुरूष खड़ा हैं ,एक किनारे नारी! देखो आज दोनों में फांसला हैं भारी!


मनमानी आजादी लेकर पंछी उड़ता उपर,कटे पैरो से दूजा पंखी तड़प रहा हैं भू पर!





सफ़दर हाशमी ने खूब लिखा हिन् उस नाटक में,,,ओरत नाम के इस नाटक में कलाकार रोते हुए कहता हैं...

एक को सन्मान और एक का कोई नहीं स्वमान...


तो तुम बताओ केसे बढेगा ऐ अपना जहान...


किसीने खूब कहा हैं!

A woman is one of the most beautiful creation of GOD.

showering her respect as daughter,
feel her care in the form of a sister,
feel her warmth in the form of a friend.

why did God create man 1st before creating a woman off course, because its always good 2 make a rough draft first before making a MASTERPIECE. Means more than flowers and gifts. It means saying thank you for everything.

Happy Women’s day

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