Friday 4 January 2019

प्यार या दुश्मनी



कहा गया है कि निभाने कि चाह दोनो तरफ से हो तो,दुनिया का कोई भी रिस्ता कभी भी नही टूट सकता चाहे वो प्यार का हो या दुश्मनी का।
ये पढ़ने के बाद मेरे मन मे एक सवाल आया कि क्या आपको किसीसे प्यार हुआ है या फिर आपकी किसीके साथ दुश्मनी हुई है?
मेरे मुताबित सबका जवाब एक ही होगा....हा हा। तो ये प्यार या दुश्मनी का रिश्ता निभाने के लिए अपनी जान लगाई होगी फिरभी सामनेवाले को लगा होगा कि उसकी ही गलती है,मेने उसके लिए क्या नही किया फिर भी इसने मुझसे ऐसा बर्ताव किया या फिर उसको ऐसा लगेगा कि उसकी ही गलती है मेने तो हमेशा उसके बारे में पहले सोच था फिर भी?
ऐसी की सारी परिस्थितियों में से हम निकलते है।उसके बाद हम सामने वाली व्यक्ति से एक दिन ,दो दिन,...एक  महीना,दो महीने...एक साल या फिर पांच सालों तक हम उसके साथ नही बोलके  या उसकी परवाह नही करके हम हमारी दोस्ती या फिर दुश्मनी खूब अच्छी तरह से निभाते है।

ताली दोनों हाथो से बजती है। अगर प्यार किया है तो दोनों को एक दूसरे को अपने तय किये हुए रास्ते पर चलना होगा।अगर दुश्मनी है तो भी खूब ईमानदारी से निभानी होगी।

"जैसी करनी वैसी भरनी"

पहले ऐसा कहा जाता था कि इस जन्ममें जैसे कर्म करो वैसा फल अगले जन्म में मिलता है लेकिन कलयुग में सबकुछ फास्ट चल रहा है इसलिए मुजे लगता है कि इस जन्म में जैसे कर्म करो उसका फल ईस जन्म मेही मिल जायेगा।

में अपनी तरफ से पूरी ईमानदारी से निभाती हु चाहे वो प्यार हो या दुश्मनी...

1 comment: